आत्मोन्नति या किसी भी प्रकार से तरक्की एक अच्छा विचार है। इसके मायने व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होते हैं और परिस्थिति अनुसार बदलते रहते हैं। “मनुष्य समय का नहीं परिस्थितियों का गुलाम होता है।” कोई आध्यात्मिक तो कोई भौतिक उन्नति चाहता है। पढ़ाई में अच्छे अंक प्राप्त करना आज के विद्यार्थी की उन्नति की परिभाषा है। बच्चे की सफलता ही पिता की उन्नति है। निर्वाण, मोक्ष या ईश्वर को पाना एक संत का उद्देश्य है। वैसे तो उन्नति की परिभाषा हमारे द्वारा ही बनायीं गई हैं। खैर, यह एक अलग विषय है, उस पर कभी और चर्चा करेंगे।
आज का विषय बहुत ही सूक्ष्म, अपने पैसों में वृद्धि चाहने वाले या जो आय असमानता को जानना चाहते हैं, केवल उनकी प्यास शांत करेगा।
आय असमानता
बहुत सरल शब्दो में, जनसंख्या में आय या धन का असमान रूप से वितरण ही आय असमानता है। क्योंकि आय को मापना सहज नहीं है इसीलिए इसे कई स्तरों पर, जनसंख्या को अलग-अलग तरीकों से विभाजित करके मापते हैं। उदाहरण के लिए, आय असमानता को लिंग, जाति या अमीर, मध्यम वर्ग और गरीब आदि के आधार पर मापा जा सकता है। इसमें गिनी इंडेक्स जैसे उपायों का उपयोग करते हैं। आगे बढ़ने से पहले हमें समझना होगा की यह एक समस्या क्यों है?
आय असमानता एक समस्या क्यों है?
अत्यधिक असमानता समाज मे अनेकता को जन्म दे सकती है। जिससे राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास में कमी आएगी। ऐसा कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है। उदाहरण से समझिये; जैसा की बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि शादी सदैव अपने बराबर वालों में करनी चाहिए। वे अमीरी और गरीबी की ओर इशारा करके ऐसा कहते हैं। चूँकि अमीर और गरीब के बीच आर्थिक या आय असमानता अधिक है, इसीलिए सामाजिक अनेकता ने जन्म ले लिया।
आय असमानता के परिणाम
जैसा की मैंने ऊपर कहा और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार भी बहुत अधिक आय असमानता “सामाजिक एकजुटता को नष्ट कर सकती है, राजनीतिक ध्रुवीकरण को जन्म दे सकती है, और अंततः आर्थिक विकास को कम कर सकती है।” आय असमानता का एक परिणाम मैंने ऊपर एक ‘बुजुर्ग कहते हैं कि’ का उदाहरण देकर समझाया है। एक और उदहारण से इसे आपके लिए और आसान करता हूँ।
पहले लड़कियों या औरतों के साथ एक वस्तु की तरह व्यव्हार किया जाता था। इसका मुख्य कारण उनके द्वारा आय न कमाने की वजह से अस्वतंत्रता थी। इसके साथ ही समाज में शिक्षा एवं समान अधिकारों का अभाव था। आज जब वे कमाती हैं तो वे स्वतंत्र हैं, समाज भी अब पढ़ा लिखा हो गया है और उन्हें सरकार ने समान अधिकार दिए हैं।
किसी भी सामजिक मुद्दे में मात्र एक समस्या नहीं होती है। वास्तव मे कई समस्याओं के मिश्रण से एक सामाजिक मुद्दा का जन्म होता है। जब तक सभी समस्याओं का हल नहीं होगा तब तक किसी मुद्दे को जड़ से खत्म करना संभव नहीं है।
आय असमानता कैसे कम करें?
आय असमानता को कम करने में सरकारें मुख्य भूमिका निभा सकती हैं। और वे अपनी राजनीति को ध्यान में रख कर ऐसा कर भी रही हैं। भारत में, प्रधान मंत्री जन धन (पीएमजेडीवाई) के तहत सभी के लिए बैंक खाते खोलना, हर घर को बिजली प्रदान करने के लिए प्रधान मंत्री सौभाग्य योजना और गरीबों (बीपीएल लाभार्थियों) को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाली आयुष्मान योजना इसके उदाहरण हैं। सरकार ने ऐसी कई योजनाएं दी है और दे रही है। ये योजनाएँ प्रभावी हैं, परंतु जब तक वे (गरीब) स्वयं ज्यादा नहीं कमाएंगे तब तक आय असमानता की समस्या यूँ ही बनी रहेगी।
आय बढ़ाने के 7 सबसे तेज़ तरीके
आज के समय में शक्ति दो प्रकार से अर्जित की जा सकती है। पहला ‘खुद शक्तिशाली बनकर’ दूसरा ‘अमीर बनकर’। दो व्यक्ति देश में सबसे ज्यादा शक्तिशाली होते हैं। ‘प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति’ अथवा देश का ‘सबसे अमीर व्यक्ति’। आपको शायद मालूम न होगा, अक्सर अमीरों की आवश्यक्तानुसार उनके लिए नए कानून भी बनाए जाते हैं। विपक्ष मूकदर्शक बनकर तमाशा देखता रहता है। क्योंकि भविष्य में उन्हें भी अमीरों की आवश्यकता पड़ेगी। इस विषय से कभी और अवगत कराऊंगा। आज का विषय (आय बढ़ाना) इससे सम्बंधित है, इसीलिए सोचा की आपके मन में थोड़ी जिज्ञासा जगा दूँ।
1. अपने शौक को व्यवसाय में बदलें
यदि आपके पास कोई ऐसी प्रतिभा है जिसे व्यवसाय में बदला जा सकता है तो मैं इसे करने की सलह आपको अवश्य दूँगा। 2020 में किए गए गैलप सर्वेक्षण के अनुसार, वैश्विक स्तर पर केवल 15% कर्मचारियों ने अपनी नौकरी से संतुष्ट महसूस किया। इसका तात्पर्य है कि लगभग 85% लोग अपनी नौकरी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। अगर आप अपने शौक को व्यवसाय में बदल सकते हैं, तो इसे अपनाएं। इससे आपकी आय में वृद्धि होगी और आप संतुष्ट लोगों की सूची में आ जायेंगे।
2. जो आप जानते हैं उसे सिखाएं
ब्लॉगिंग, स्वतंत्र लेखन और यूट्यूब के जरिए, जो आप जानते हैं उसे सिखा सकते हैं। हाँ, प्रतीस्पर्धा ज्यादा है इसीलिए आपको रचनात्मक होना होगा। विश्वास कीजिए अगर आप अच्छे से लोगों को समझाने में सफल हुए तो इससे अच्छा आमदनी का दूसरा स्रोत नहीं है।
3. एक कमरा किराए पर दें
यह कस्बों या शहरों में आय बढ़ाने का एक अच्छा उपाय हो सकता है। ऐसा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है पर यह असंभव नहीं हैं। यह आईडिया सबके लिए नहीं है। आपका घर समृद्ध गांव या पर्यटक स्थल में आता है तो आप इसपर विचार कर सकते हैं।
4. एक साइड बिजनेस शुरू करें
एक छोटा व्यापार शुरू करना आपके लिए अपनी आय को बढ़ाने का अच्छा स्रोत हो सकता है। प्रतिभावान और रचनात्मक लोग फ्रीलांसिंग पर जा सकते हैं। आप चाहे तो यहाँ पर काम कर सकते हैं। मेरे ख्याल से अगर आप वाकई में रचनात्मक व्यक्ति हैं तो भारत के लोगों से फ्रीलांसिंग पर सस्ते में काम कराइए। फिर उसे अपने क्लाइंट को अच्छे दामों में बेचें। वैसे यह विचार भी वैसे बुरा नहीं है।
5. स्कूल वापस जाओ
कई लोग पढ़ाई यह सोचकर छोड़ते हैं कि अब उन्हें आगे पढ़ना न पड़े। पर वास्तव में उनका यह विचार अपने पैर पर कुल्हड़ी मारने के समान ही है। मास्टर डिग्री हासिल करना आरी में धार लगाने के सामान है। ऐसा करके आप पेड़ों को बहुत अच्छे से काट सकेंगे। यह आपको नौकरी में पदोन्नति दिला सकता है।
6. स्टॉक या रियल एस्टेट में निवेश करें
कई लोग इसे तकदीर का खेल समझते हैं। पर वास्तव में यह जिन्दा दिमाग का खेल है। वारेन बुफे इस खेल के राजा हैं। वे कई सालों से दुनिया की टॉप 10 अमीरों की सूची में शामिल हैं। अगर आप सही से द इंटेलीजेंट इंवेस्टर जिसे वारेन बुफे के गुरु बेंजामिन ग्राहम ने लिखा है, को समझ कर लागू कर सके तो इतना तय है की कभी भी स्टॉक मार्केट में आप पैसा नहीं डुबोएंगे।
7. नए कौशल हासिल करें
नए कौशल हासिल करना आपको नौकरी बाजार में अधिक मूल्यवान बना सकता है। अपने उद्योग में मांग वाले कौशल की पहचान करें और प्रमाणपत्र अर्जित करने पर विचार अवश्य करें।
मैंने यह उम्मीद की है कि आपने वेतन वृद्धि या पदोन्नति पर बात कर ली होगी। इसके साथ ही सरकार की कर बचत योजनाओं को अच्छे से जान लें, यह वाकई में आपको मदद कर सकती हैं। अगर आपकी नौकरी में कम वेतन मिलता है तो आप नयी नौकरी की तलाश कर सकते हैं।