जानना चाहिए

एक नेता

Mr Anown द्वारा लिखित

वे एक नेता ही थे, जिनके होने पर भारत और पाकिस्तान आज हिंदुस्तान होते। जिनपर क्लेमेंट एटली ने कहा था; हमने भारत गाँधी और नेहरू की वजह से नहीं विद्रोह और आजाद हिंद फौज दोबारा खड़ी न हो जाने के डर से छोड़ा है। वे एक नेता ही थे, जिनके असहयोग आन्दोलन में भाग ले रहे प्रदर्शनकारियों ने जवाबी कार्रवाई में, एक पुलिस थाने पर हमला किया और आग लगा दी, जिससे उसमें रहने वाले सभी लोग मारे गए। इस घटना पर उन्होंने आन्दोलन पर रोक लगाकर कहा था; मेरा हिंसा में कोई विश्वास नहीं है। वे एक नेता ही थे, जिनके नेतृत्व में 21 जाट सिख सैनिकों ने सन् 1897 में 10,000 अफरीदी और ओरकजई पश्तून आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया था। 

नेता और राजनेता में क्या अंतर है?

यह लेख नेता या नेतृत्वकर्ता पर है, राजनेता पर नहीं। विषय का मुख्य प्रयोजन आपको समझाना है।
नेता का अर्थ: लीडर, सरदार, अगुआ आदि।
राजनेता का अर्थ: पॉलिटिशियन, राज्य का रहनुमा, राजनीतिज्ञ आदि।

नेता को समझें?

नेता की परिभाषा

अक्सर हम सर्वोत्तम या प्रथम स्थान पर रहे व्यक्ति को नेता मानते हैं। वास्तव में “किसी काम का प्रबंध कर्ता या प्रभारी व्यक्ति, नेतृत्व कर्ता जिसमें जोखिम लेने की क्षमता तथा यथास्थिति को चुनौती देने की क्षमता हो और वह लोगों को कुछ नया या बेहतर करने के लिए प्रेरित करने में भी सक्षम हो वह नेता है।”

सुभाष चन्द्र बोस का इंटरव्यू

सुभाष चन्द्र बोस जब सिविल सेवा का साक्षात्कार (Interview) देने पहुंचे, बोर्ड के सदस्य में से एक साक्षात्कारकर्ता (Interviewer) ने कहा श्रीमान बोस आप किस भाषा में सहज (Comfortable) हैं, वे बोले आप अपनी भाषा बताइये। बोर्ड के सदस्य ने जर्मन भाषा में सवाल करना शुरू किया और बोस ने जर्मन में जवाब देना शुरू किया। उन्होंने कहा बोस क्या नहीं कर सकते? वे बोले, सब कुछ कर सकते हैं सर। उसने अपनी शादी की अँगूठी निकाली, टेबल पर रखते हुए कहा, इसमें से निकलकर दिखाओ? बोस ने कागज का टुकड़ा लिया, पेन से उस पर लिखा S.C. Bose और अँगूठी के अन्दर से निकाल दिया।

अब्राहम लिंकन के पिता को कहा मोची

जब अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति बने। एक सीनेटर ने खड़े होकर कहा, श्रीमान राष्ट्रपति, आपके पिता बहुत अच्छे जूते बनाते थे। और मैंने आज भी वह जूता पहन रखा है जो आपके पिता ने बनाया था। लिंकन ने कहा; मेरे पिता की प्रशंसा करने के लिए आपका धन्यवाद, मैं अपने पिता के जैसे बनने की कोशिश करूँगा। जिस तरह से आज आपने मेरे पिता की अच्छा मोची होने की प्रशंसा की है। इसी प्रकार कल आपके बच्चे, अच्छा राष्ट्रपति बनने के लिए मेरी प्रशंसा करें।

नोटः उक्त उदाहरण का प्रयोजन आपको समझाने मात्र से है। हम इस कहानी की सत्यता की पुष्टि नहीं करते। अब्राहम लिंकन के पिता कभी मोची थे ही नहीं, वे एक किसान और बढ़ई थे।

नेता के गुण 

नेता बनने के लिए कई गुणों की आवश्यकता होती है। मैंने बहुत सामान्य और महत्वपूर्ण गुणों को आपकी थाली में परोसा है।

  1. ताकतवर दिमाग: एक युद्ध में हुसैन अली ने अपने दुश्मन को जमीन पर पटक दिया और जैसे ही भाला उठाया उसे मारने के लिए वैसे ही उनके दुश्मन ने उनके मुँह पर थूक दिया। तुरंत हुसैन अली ने जमीन पर भाला रखते हुए कहा, जाओ आज मैं तुझे मारूंगा नहीं। वह हंसा और बोला, गलती कर रहे हो हुसैन, यह मौका तुम्हें दोबारा नही मिलेगा। हुसैन ने कहा, तुम्हारे मेरे मुंह पर थूकने से पहले मेरा मन शान्त था। अब यह मन अशान्त हो गया है और मैं क्रोधित मन से किसी का वध नहीं करता। 

यह जीवन एक युद्ध है और आपका मन इस युद्ध में आपका कमांडर है। नेता बनने का अर्थ है, राजा बनना। वह मन कभी राजा नहीं बन सकता जो दूसरों के वश में है।

  1. दूरदर्शिता: 1920 में भारत की साक्षरता दर 10% थी। लोगों को आजादी का मतलब तक मालूम नहीं था। जहाँ पर एक राष्ट्र था ही नहीं, ऐसे देश में लोगों को राष्ट्र के नाम पर इकट्ठा करना एक चुनौती थी। यह चुनौती तब और बढ़ जाती थी जब कोई आदमी विदेश से लॉ की पढ़ायी पूरी करके आया हो। ऐसे समय में महात्मा गाँधी ने असहयोग आन्दोलन में जिसका मुख्य प्रयोजन उन्हें स्वशासन प्रदान करने के लिए राजी करना था, के लिए लोगों को इक्ट्ठा किया था।

सभी लोगों को एक डोर में बांधने के लिए आपको एक ऐसे धागे की जरूरत होगी जो सभी लोगों के पास हो। एक ऐसा मुद्दा जो सभी लोगों को जाति-धर्म से ऊपर उठाकर आपस में बाँध दे।

  1. संचार: नेल्सन मंडेला को सार्वभौमिक रूप से एक महान नेता माना जाता है। उनके पिता वास्तविक रूप से जनजाति के अध्यक्ष थे। उनसे पूछा गया, आप एक महान नेता बनना कैसे सीखे। इस पर उन्होंने जवाब दिया, मैं अपने पिता के साथ जनजाति की सभाओं में जाता था। मुझे दो बातें याद आती हैं, जब मेरे पिता अन्य बड़ों से मिलते थे।
  • वे हमेशा घेरे में बैठे रहते थे।
  • मेरे पिता हमेशा सबसे अंत में बोलते थे।

अपनी राय तब रखने का कौशल जब तक कि सभी ने बात नहीं की है, दो चीजें देता है:

  1. यह सभी को यह एहसास दिलाता है कि उन्हें सुना गया है।
  2. अपनी राय देने से पहले आपको यह सुनने का लाभ मिलता है कि हर किसी का क्या सोचना है?